पकने लगी फ़सल, रीझता किसान

01-07-2023

पकने लगी फ़सल, रीझता किसान

प्रो. ऋषभदेव शर्मा (अंक: 232, जुलाई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)


(तेवरी)
 
पकने लगी फ़सल, रीझता किसान
जल्दी पकी फ़सल, रीझता किसान
 
ली सेठ ने ख़रीद, पैसे उछाल कर
खेतों खड़ी फ़सल, रीझता किसान
 
क़र्ज़ा उतर गया, सिर पर लदा हुआ
अच्छी हुई फ़सल, रीझता किसान
 
दो रोटियाँ मिलें, दो वक़्त के लिए
कुछ तो बची फ़सल, रीझता किसान
 
जो पौध गल गई थी, खाद बन गई
आई नई फ़सल, रीझता किसान

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