चेहरे
फाल्गुनी रॉयबड़ी गर्मजोशी से वो मिला मुझे
ख़ूब आतुरता से उसने
गले से लगाया।
मीठी-मीठी बातें बहुत
वो करता रहा फिर,
उस रंगीन पानी के तीन-चार घूँट पीने तक।
कितने चेहरों को छिपाये फिरते हैं
बशर
एक चेहरे के पीछे।
बड़ी गर्मजोशी से वो मिला मुझे
ख़ूब आतुरता से उसने
गले से लगाया।
मीठी-मीठी बातें बहुत
वो करता रहा फिर,
उस रंगीन पानी के तीन-चार घूँट पीने तक।
कितने चेहरों को छिपाये फिरते हैं
बशर
एक चेहरे के पीछे।