बावरा कन्हैया
भव्य भसीन
बावरा कन्हैया मेरा बावरा कन्हैया
जहाँ तहाँ देखो मेरी पकड़े है बैयां
बावरा . . .
मोटी मोटी अखियों से घूरे मुझको तू
पीछे पीछे आये पल्लू पकड़े है क्यों तू
लाज शर्म कर देखेगी हाय मैया
बावरा . . .
धीमे धीमे पग रख गेह मेरे आये
सोई रहूँ रैन में कपोल चूम जाए
कितना है नटखट हाय मेरा सइयाँ
बावरा . . .
अधरों पे वंशी भयी मतवारी
बावरा है कान्हा तेरी बावरी है नारी
नाचती सखी की काहे पकड़े कलैया
बावरा कन्हैया . . .
साज सजाये कभी कजरा लगाए
पीत पटाम्बर माला लटकाए
अपनी छवि की काहे लेत बलैया
बावरा कन्हैया . . .
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