अब मोसे और रहा नहीं जाए

01-12-2023

अब मोसे और रहा नहीं जाए

भव्य भसीन (अंक: 242, दिसंबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

अब मोसे और रहा नहीं जाए
अब सखी और सहा नहीं जाए
 
पद पंकज बिनु हृदय है प्यासा
सेवऊ कैसे हाय कैसी निराशा
अब ये प्राण धरा नहीं जाए
अब सखी और सहा नहीं जाए। 
 
तड़पत हिय हाय निसि दिन दुखे
कल सो नैना रो रो सूखे
नैना रे अंसुवन बहा नहीं पाए
अब सखी और सहा नहीं जाए
अब मोसे और रहा नहीं जाए। 
 
साज़ सिंगार मैं कर लूँ पूरा
ओढ़ूँगी अब रंग सुनहरा
आधा अधूरा न उनको भाए
अब मोसे और रहा नहीं जाए
अब सखी और सहा नहीं जाए। 
 
उनके लिए पीड़ा लाख हैं पाई
सब छोड़ा प्राण देने आई
अब ये पीड़ सही नहीं जाए
अब मोसे और रहा नहीं जाए
अब मोसे और॥

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