अति प्रिय सुंदर
भव्य भसीन
अति प्रिय सुंदर श्याम मनोहर
मम रसना तेरो नाम पुकारे।
रसिक अधर रस ये बरसावन
श्रवण सुरस नैना कजरारे।
अति प्रिय सुंदर श्याम मनोहर
वदन सुलज्जित रूप लुभावन
कमल कपोलन कुंतल सावन
अलक कपोल योग सुहावन
उर वैजन्ती स्वछंद विहारे।
अति प्रिय सुंदर श्याम मनोहर
तुम गुण आगर ललित किशोर
प्राण पति मेरेे हे चित्त चोर
मैं हूँ दासी सदा तुम्हारी
तुम हो मेरे एक सहारे।
अति प्रिय सुंदर श्याम मनोहर
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