भव्य भसीन
जन्म: दिसम्बर, 1990; करनाल (हरियाणा)
शिक्षा: एम. टेक.
लेखन:
19–20 वर्ष की आयु में व्रज भाव व कृष्ण प्रेम में अभिरुचि जागृत हुई तो कविताओं की ओर मन जाने लगा। प्रारंभ में अंग्रेजी में लेखन किया पर कुछ समय बाद ही मातृ भाषा में लिख कर अधिक सुख पाया।
लेखन सदा केवल अपने प्रभु के लिए किया पर अनेक जनों के सुंदर भाव पढ़ कर अब कुछ बांटने की इच्छा जागृत हुई।
लेखक की कृतियाँ
- कविता
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- अति प्रिय सुंदर
- अब मोसे और रहा नहीं जाए
- कभी आना मुझसे मिलने
- कहूँ कैसे?
- कोई मुझे प्रेम सिखा दे
- क्या तुम आओगे
- जब साँझ ढले पिय आ जाना
- बावरा कन्हैया
- मायूसी
- मेरा ख़्याल तो करते होंगे ना
- मेरे मित्र बनो न
- मैं और तुम
- मैं कुछ कविताएँ लिख रहा हूँ
- मैं तुमसे ज़रूर मिलूँगी
- मैं श्मशान हूँ
- मोहे लाड़ लड़ाये कान्हा जी
- ये श्याम सखी बड़ी अटपट री
- रसिक सुंदर साँवरे
- सजनी मैं राह तकूँ
- सदा प्रेमाश्रु से ही स्नान करोगे क्या?
- नज़्म
- विडियो
- ऑडियो
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