बलिदान चाहिए

23-05-2017

बलिदान चाहिए

डॉ. रमा द्विवेदी

मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए,
गाँधी-सुभाष जैसा बलिदान चाहिए।
 
इंसानियत विलख रही इंसान ही के ख़ातिर,
इंसाफ़ दे सके जो ऐसा सत्यवान चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।
 
बचपन यहाँ पे देखो बंधुआ बना हुआ है,
दिला सके जो इनको मुक्ति ऐसा दयावान चाहिए..
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।
 
मुखौटोँ के पीछे क्या है कोई जानता नहीं है,
दिखा सके जो असली चेहरा ऐसा महान चाहिए..
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।
 
रोज़ मर रहे हैं यहाँ कुर्सी के वास्ते,
जो देश के लिए जिए-मरे, ऐसा नाम चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।
 
सदियों के बाद भी जो इंसान न बन सकी है,
समझ सके जो इनको इंसान, ऐसा कद्रदान चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।
 
मेहनत से नाता टूटा सब यूँ ही पाना चाहें,
गीतोपदेश वाला कोई श्याम चाहिए...
मेरे देश को भगवान नहीं, सच्चा इंसान चाहिए।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

लघुकथा
कहानी
गीत-नवगीत
कविता
कविता - क्षणिका
कविता - हाइकु
कविता-ताँका
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में