ज़िन्दगी

31-03-2015

शबनम सी पिघलती जाये ज़िन्दगी
चुपके से कुछ कहती जाये ज़िन्दगी
 
एहसान सा उतरती जाये ज़िन्दगी
पल पल कतरती जाये ज़िन्दगी
 
पहरेदार सी ख़बरदार सी ज़िन्दगी
अल्हड़ बेख़बर दमदार सी ज़िन्दगी
 
बिखरे तो बस बिखर जाए ज़िन्दगी
निखर तो बस निखर जाए ज़िन्दगी
 
शबनम सी पिघलती जाये ज़िन्दगी
चुपके से कुछ कह के जाये ज़िन्दगी

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