ज़िन्दगी
डॉ. अमिता शर्माशबनम सी पिघलती जाये ज़िन्दगी
चुपके से कुछ कहती जाये ज़िन्दगी
एहसान सा उतरती जाये ज़िन्दगी
पल पल कतरती जाये ज़िन्दगी
पहरेदार सी ख़बरदार सी ज़िन्दगी
अल्हड़ बेख़बर दमदार सी ज़िन्दगी
बिखरे तो बस बिखर जाए ज़िन्दगी
निखर तो बस निखर जाए ज़िन्दगी
शबनम सी पिघलती जाये ज़िन्दगी
चुपके से कुछ कह के जाये ज़िन्दगी
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