ऑनलाइन ज़माना है भई
अर्चना कोहली ‘अर्चि’
“ओह। झमाझम बरसात शुरू हो गई। गई भैंस पानी में,” उर्मिला ने माथे पर हाथ रखते हुए कहा।
“यह तो अच्छी बात है। आख़िर मानसून की पहली बरसात है। पहले तो रोज़ बरसात आने की प्रार्थना करती थी, मेघा पानी दे। अब क्या हुआ?”
“सुबह ऑफ़िस जाते समय राहुल ने अपने कुछ सहकर्मियों के आने की बात बताई थी। इतनी जल्दी सब कैसे सब होगा। शीला तो इतनी बरसात में आने से रही। मेरे तो हाथ-पाँव काँप रहे हैं। फिर आज तबियत भी सही नहीं है।”
“चिंता मत करो। सब हो जाएगा। घर की साफ़-सफ़ाई में तो यह बंदा हाज़िर है।”
“और खाना। वही तो टेढ़ी खीर है। मेन्यू तो राहुल ने बता दिया था, पर•••!”
"चिंता किस बात की। ऑनलाइन का ज़माना है भई। खाना बाहर से आ जाएगा। तुम तो बस बैठकर बरसात का मज़ा लो,” उर्मिला के कंधे पर हाथ रखते हुए रमेश ने कहा।
झमाझम बारिश के बीच साथ वाले घर में खड़ा डिलिवरी ब्वॉय भी मानो ऑनलाइन ज़माने की पुष्टि कर रहा था।