कैनवस
सपना मांगलिकनन्हा राजू कैनवस पर लगे रंग को गीले पानी के कपड़े से साफ़ करने की कोशिश में लगा था मगर दाग़ चूँकि पक्का हो चुका था इसलिए बजाय साफ़ होने के और फैलता जा रहा था। तभी मिस्टर मेहरा गार्डन में आये और प्यार से राजू को समझाने लगे, “राजू बेटा कैनवस सफ़ेद होता है और एक बार इस पर कोई रंग लग जाता है तो वह कभी छूटता नहीं है। व्यर्थ कोशिश मत करो और अगली बार सोच-समझ कर सही रंग ही लगाना।”
इतनी देर में मिसेज़ मेहरा यानी राजू की माँ चाय का कप लेकर वहाँ आई और चाय देते समय ग़लती से मिस्टर मेहरा की क़मीज़ पर कुछ बूँद छलक गयीं। मिस्टर मेहरा आगबबूला होकर मिसेज़ मेहरा को अपशब्द बोलने लगे। नन्हे राजू ने काँपते हुए क्रोधित पिता को देखा और वापस कैनवस से रंग उतारने की नाकाम कोशिश करने लगा।