तुम्हारी याद 

01-11-2019

तुम्हारी याद 

आदित्य तोमर ’ए डी’

तुम्हारी याद सारी रैन हमें सोने नहीं देती
यहाँ रस्ते हज़ारों हैं मगर खोने नहीं देती।
तेरी मुस्कान का जादू अलग ही है मेरी जानां
ये हमारी ही आँखों को हमें भिगोने नहीं देती॥

2 टिप्पणियाँ

  • 19 Dec, 2020 04:43 PM

    बहुत खुब । मित्र तुहारी मुक्तककी भाव मुझे छोने नहीं देती ।

  • 1 Nov, 2019 09:05 AM

    Good work ,keep it up.

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