मेरा बेटा बड़ा हो रहा है

01-10-2019

मेरा बेटा बड़ा हो रहा है

डॉ. महेश आलोक

मेरा बेटा बड़ा हो रहा है। 
अब वह अलग सोने की करता है ज़िद
कपड़े पहनते समय बन्द कर लेता है 
दरवाज़े और कमरे के अन्दर
खुलने वाली खिड़कियाँ


सोते समय मेरा हाथ अक्सर 
उसके सिर या पीठ पर चला जाता है
भरोसा देना के लिये कि मैं उसके साथ हूँ


डरना नहीं मेरे बेटे -
तुम्हारे पिता आसमान की तरह लपेटे हैं तुम्हें
चन्द्रमा और तारों को प्रहरी बनाकर 
खड़ा कर दिया है तुम्हारी सुरक्षा में
कि तुम्हारा डर भाग जाये उन किताबों से बाहर 
जिन्हें फ़रिश्तों ने उतारा है पृथ्वी पर
मशहूर न होने के डर में भाग जाये वह


मेरा बेटा बड़ा हो रहा है 
प्रतिवाद करने की कला सीख गया है वह
मैं उससे इतनी बार बहस में हार चुका हूँ
कि अपने बुद्धिमान होने पर 
कभी कोई शक न हो उसे


मेरे बेटे सूरज से आँखें मिलाते समय 
पलकें मत झपकाना
पूर्णिमा के चाँद को हर बार 
ऐसे देखना जैसे पहली बार
उसका अलौकिक सौन्दर्य निहार रहे हो तुम
कहता हूँ उसे


मेरा बेटा बड़ा हो रहा है 
मेरी बातों पर सन्देह करने लगा है वह
मुझे डेकार्ड का वह प्रसिद्ध कथन याद आता है
मैं सन्देह करता हूँ इसलिये मैं हूँ


मैं जानता हूँ वह प्रेम ज़रूर करेगा एक दिन 
और उड़ेगा खुले अतरिक्ष में
मैं भी तो यही चाहता हूँ 
वह उड़े परिन्दों की तरह -
जैसे उसके पिता उड़ते हैं
अपनी कविताओं में
इतना मत उड़ना मेरे बेटे कि 
ज़मीन दिखाई ही न पड़े कहता हूँ उसे


मेरा बेटा जानता है 
अपने पिता की कमज़ोरियाँ और ताक़त
पिता के गुरुत्वाकर्षण और 
विचलन के बारे में जानता है वह


उसे पता है उसके पिता 
अपनी काँख में दबा सकते है -
वह पूरा बरगद जो उसे
बढ़ने से रोकता है। 
उसके भीतर की 
सौ प्रतिशत आत्मा के साथ 
सूरज और पृथ्वी
की आत्मा से संवाद करते देखना चाहते हैं वह


बादलों के घर की किलकारियाँ और 
मिट्टी की ख़ुशबू से परिचित कराना
चाहते हैं मुझे।
वह चाहते हैं समुद्र के कानों में 
कोई मन्त्र फूकूँ और समुद्र
दौड़ता हुआ उछालने लगे 
मुझे अपनी अनन्तता में
मेरा बेटा बड़ा हो रहा है 
जानता है अपने पिता की 
अन्तरिक्ष जितनी इच्छाएँ


जिस दिन पेड़ों की पत्तियों का -  
ख़ुशी में हिलते हुए मार्मिक अभिवादन
और बाँसों के जँगल से गुज़रती हवा की सारंगी 
जैसी धुन का अनुवाद करने लगेगा वह
तारों जितनी रोशनी वाली प्रसन्नता और दिनचर्या में


जिस दिन अपनी बरौनियों पर 
गिरते ओस का अर्थ समझने लगेगा वह
समझने लगेगा तालाब में फेंके गये कँकड़ और 
फैलती लहरों के रिश्तों का रहस्य
जीवन के विस्तार में फैले 
शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत के मर्म
और अनुशासन को समझने लगेगा


जिस दिन अपनी माँ की 
आँखों से मुझे देखने लगेगा वह
सचमुच लगेगा मेरा बेटा बड़ा हो रहा है

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