नववर्ष मंगल भावना

01-01-2023

नववर्ष मंगल भावना

वीरेन्द्र जैन (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

नव वर्ष में कुछ यूँ जहाँ में प्रेम का विस्तार हो, 
ना कोई भूखा हो शहर में बीमार ना लाचार हो!! 
 
भला कब तलक चाँद में रोटी देखता रहेगा वो, 
ख़त्म हर बच्चे की सूनी आँखों की इंतज़ार हो! 
 
ना रहे संसार में वैमनस्य और घृणा कहीं कोई, 
हिंदू मुस्लिम ईसाई सिक्ख का आपस में प्यार हो! 
 
कराह चीख औ पुकार सहे कब तलक ये ज़मीं, 
रोग हो ना कोई रगों में स्वस्थ सारा संसार हो! 
 
सुकून और ख़ुशी हर किसी के दिल में हो, गोया
हरेक दिन जगत में मन रहा ये प्रेम का त्योहार हो! 

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