माँ मेरा जीवन आधार 

15-05-2023

माँ मेरा जीवन आधार 

वीरेन्द्र जैन (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

(मातृदिवस विनयांजलि) 
 
तेरा नाम ज़ुबाँ पे आते ही मेरे दर्द सभी थम जाते हैं, 
माँ, तेरे आशीषों से बिगड़े काम सभी बन जाते हैं। 
 
सिर पर हाथ फेर के मेरे दुख सारे हर लेती हो, 
धूप की तपन से बचाने मुझको हाथों से छाँव कर देती हो!! 
 
मेरे हाथों को थाम मेरे जीवन को आधार देती हो, 
मेरे चारों ओर तुम बुन अपना संसार लेती हो!! 
 
माँ के हृदय की गहराई सागर से भी अधिक होती है, 
मेरी सारी कटु बातों को मुस्कुराकर सहन कर लेती है!! 
 
तुम चाबी ख़ुशियों की, हाथों में जादू की छड़ी रखती हो, 
मेरे कहने से पहले मेरे मन की सारी ख़्वाहिशें पूरी करती हो!! 
 
कैसे होंगे उऋण मैया आपके इन उपकारों से, पूछा? 
तो बस “स्वस्थ और सुखी रहो” यही तरीक़ा बताती हो!! 
 
ऐ माँ तुम्हारे रूप में हम भगवान के दर्शन करते हैं, 
अर्घ उसे देते हैं हम जीवन तुझे अर्पण करते हैं। 
 
मातृदिवस पर बस यही करते हैं ईश्वर से प्रार्थना, 
रहो सदा आप संग हमारे जब तक हैं धरती आसमां॥

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