मकर संक्रांति

15-01-2023

मकर संक्रांति

वीरेन्द्र जैन (अंक: 221, जनवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

रवि जब धनु की राशि से मकर राशि में जाता है, 
ये परिवर्तन सूर्य का ही उत्तर अयन कहलाता है। 
हर्षोल्लास दसों दिशा में प्रकृति तब फैलाती है, 
शुभ कार्य पुनः कर भारत मकर संक्रांति पर्व मनाता है!! 
 
उत्तरायण हो सूर्य आज से मास छहों तक चलता है, 
तिल तिल बढ़ता दिवस देख जग तिल संक्रांत भी कहता है। 
नहीं पतंग उड़ाने का दिन, ना तिल खाना कारण है, 
शीत में तिल का सेवन जग में परंपरा से चलता है!! 
 
जैन धर्म में संक्रांति की अद्भुत गौरव गाथा है, 
जिस अनुसार रवि चक्री महल से सीधा गमन मिलाता है, 
प्रथम चक्रवर्ती भरतेश्वर दृष्टि क्षयोपशम के द्वारा 
सूर्य थित अकृत्रिम चैत्य दर्श पा अहोभाग मनाता है!! 
 
इसी महत्त्व से जैन भक्त देव दर्शन पूजन दिवस मनाते हैं, 
महाभिषेक भावों से जिन प्रतिमा पे जल की धारा चढ़ाते हैं, 
किए सभी पापों का मन से आज विसर्जन करते हैं, 
जिन दर्शन पूजन चार दान दे अपना भाग जगाते हैं!! 
 
भारती संस्कृति में उल्लेख पतंग का मिलता कहीं नहीं, 
हिंसा जन्य तजो माँझा जीवों की हिंसा सही नहीं, 
पशु पक्षी इंसां संग इसमें उलझ मर जाते हैं, 
अपने प्रमाद हेतु औरों के दुख का आलम्बन सही नहीं!! 

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