मुस्कुराते चेहरे

01-02-2022

मुस्कुराते चेहरे

वैदेही कुमारी (अंक: 198, फरवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मुस्कुराते चेहरे अक़्सर 
दिल को छू जाते 
हो कितनी भी तकलीफ़ें 
मानों सब दूर हो जाते 
क्या मिलता किसी को 
मुस्कुराहट बिखरने का 
होता ये तो जैसे मुफ़्त का 
फिर भी ना जानें क्यों लोग
मुस्कान अपनी देते छुपा 
ओढ़ के दर्द की चादर 
अनजाने दे जाते दर्द नया 
क्यों नहीं समझते ये छोटी-सी बात 
जब दिखता चेहरा खिला 
भर जाता हर ज़ख़्म गहरा 
जाने क्यों लोग लगाते 
अपनी हँसी पे पहरा। 

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