कौन बोलता है
दीपककौन बोलता है
तुम शांत हो
कौन बोलता है
तुम ठण्ड हो
कौन बोलता है
तुम कम बोलती हो
कौन बोलता है
तुम्हें समझ लिया
आज सुबह बहुत ठंड थी
तो आग के नज़दीक गया
और
अभी तुम्हारे पास बैठा हूँ
जानती हो . . .?
मुझे आग में तुम्हारी रूप दिखाई दिया
एक वाक्य में कहें तो
तुम वो महाकाव्य हो
जिसे शब्दों से कम
आँखों से ज़्यादा बोलना आता है
क्योंकि,
तुम्हारी आँखों में
एक अग्नि चमक है!
1 टिप्पणियाँ
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बहुत ही सुंदर।