काका कलाम बनोगे तुम
डॉ. उमेश चन्द्र सिरसवारीहोमवर्क नहीं किया है पूरा,
अब सज़ा को झेलो तुम।
नहीं पढ़ोगे और लिखोगे,
आगे नहीं बढ़ोगे तुम।
कैसे नाम करोगे जग में,
कैसे मम्मी से बचोगे तुम।
लिए छड़ी खड़ी हैं मैडम,
मुर्गा आज बनोगे तुम।
रोज़ क्लास में आये नहीं हो,
बेटा! आज पिटोगे तुम।
दूध-मलाई नहीं मिलेगी,
पापा की डाँट सहोगे तुम।
रोज़ समय पर पढ़ो-लिखो,
और रोज़ समय पर काम करो।
चलो सचाई के पथ पर तो,
काका कलाम बनागे तुम॥
1 टिप्पणियाँ
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Jai hind..... KAKA KALAM ji