एक भारत, श्रेष्ठ भारत
विवेक कुमार तिवारी
सदियों से एक हैं, सदा एक ही रहेंगे।
सदैव से श्रेष्ठ हैं, सर्वत्र श्रेष्ठ ही रहेंगे॥
कश्मीर, अंडमान और कावारती
सिक्किम से सूरत की पुण्य धरती।
अरुणाचल, आंध्र या हो उत्तर प्रदेश
मातृभूमि एक है, श्रेष्ठ है अपना ही देश॥
विविधताओं से परिपूर्ण क्यारी,
जगत में हिंद की है महिमा न्यारी।
जब एकता से हैं कीर्तिमान रचते,
तब करती है वंदन, दुनिया ये सारी॥
विभिन्नताओं से समृद्धि बढ़ती,
कला, साहित्य, संस्कृति निखरती।
धर्म, भाषा, जातियाँ जब साथ जुड़तीं,
सर्वत्र भारत को गौरवान्वित हैं करती॥
एक भारत, श्रेष्ठ भारत का जो पथ,
लौहपुरुष ने हमको दिखलाया।
मिलकर करना है साकार इसे
इस मूलमंत्र को हमने अपनाया॥
एकता ही सर्वश्रेष्ठ गुण है,
इसको सदैव अपनाना है।
हिंद की श्रेष्ठ संस्कृति को,
विश्व पटल पर दर्शाना है॥