6 छोटी कविताएँ

22-02-2014

6 छोटी कविताएँ

सुनील गज्जाणी



1
दो बूँद, 
चरणों में तेरे, 
चढ़ा दीं तो, 
क्या हुआ, 
आँखों का पानी
ही तो है। 
 
2
औरत
एक पुल
दो ख़ानदानों के बीच। 
 
3
मन, 
मानो
कस्तूरी मृग हो। 
 
4
मार्ग, 
जीवन के भीतर, 
मार्ग, 
जीवन के बाहर भी। 
 
5
रिश्ते, 
सागर की भाँति भी, 
रिश्ते, 
गड्ढे के पानी जैसे भी। 
 
6
रेखाएँ, 
जीवन और जीवन, 
के बाहर का, 
ख़ास व्याकरण। 

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