नादानी के घाव

15-06-2025

नादानी के घाव

पवन कुमार ‘मारुत’ (अंक: 279, जून द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)


(मनहरण कवित्त छन्द) 
 
निर्णय नादानीयुक्त नश्तर सम सालते, 
प्यारे परिजन परिणाम पीड़ा पाते हैं। 
समझ संस्कार सहनशक्ति सकल शून्य, 
प्राण प्यारे पंछी दारुण दर्द दे जाते हैं। 
पंखहीन प्रसु-पिता पछताते पड़े नीड़, 
जग जीवन बाक़ी बिलखते बिताते हैं। 
अथाह अन्धे कूप कलपे पिता-माँ मारुत, 
छोटी-छोटी बातों पर पुत्र मर जाते हैं॥

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