डॉ. रानू मुखर्जी

डॉ.  रानू मुखर्जी

डॉ. रानू मुखर्जी

जन्म: कलकता
मातृभाषा: बांग्ला
शिक्षा: एम.ए. (हिंदी), पीएच.डी. (महाराजा सयाजी राव यूनिवर्सिटी, वडोदरा), बी.एड. (भारतीय शिक्षा परिषद, उ.प्र.)
लेखन: हिंदी, बंगला, गुजराती, ओड़िया, अँग्रेज़ी भाषाओं के ज्ञान के कारण आनुवाद कार्य में संलग्न। स्वरचित कहानी, आलोचना, कविता, लेख आदि हंस (दिल्ली), वागर्थ (कलकता), समकालीन भारतीय साहित्य (दिल्ली), कथाक्रम (दिल्ली), नव भारत (भोपाल), शैली (बिहार), संदर्भ माजरा (जयपुर), शिवानंद वाणी (बनारस), दैनिक जागरण (कानपुर), दक्षिण समाचार (हैदराबाद), नारी अस्मिता (बडौदा), नेपथ्य (भोपाल), भाषासेतु (अहमदाबाद) आदि प्रतिष्ठित पत्र– पत्रिकाओं में प्रकशित। गुजरात में हिन्दी साहित्य का इतिहास के लेखन में सहायक। 
प्रकाशन:

  • मध्यकालीन हिंदी गुजराती साखी साहित्य (शोध ग्रंथ-1998),

  • किसे पुकारुँ?(कहानी संग्रह – 2000),

  • मोड़ पर (कहानी संग्रह – 2001),

  • नारी चेतना (आलोचना – 2001),

  • अबके बिछड़े ना मिले (कहानी संग्रह – 2004),

  • किसे पुकारूँ? (गुजराती भाषा में आनुवाद -2008),

  • बाहर वाला चेहरा (कहानी संग्रह-2013),

  • सुरभी बांग्ला कहानियों का हिन्दी अनुवाद – प्रकाशित,

  • स्वप्न दुःस्वप्न तथा मेमरी लेन (चिनु मोदी के गुजराती नाटकों का अनुवाद 2017),

  • बांग्ला नाटय साहित्य तथा रंगमंच का संक्षिप्त इति. (शीघ्र प्रकाश्य)।

उपलब्धियाँ:

  • हिंदी साहित्य अकादमी गुजरात  द्वारा वर्ष 2000 में शोध ग्रंथ साखी साहित्य प्रथम पुरस्कृत, 

  • गुजरात साहित्य परिषद द्वारा 2000 में स्वरचित कहानी मुखौटा द्वितीय पुरस्कृत, 

  • हिंदी साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा वर्ष 2002 में स्वरचित कहानी संग्रह किसे पुकारूँ? को कहानी विधा के अंतर्गत प्रथम पुरस्कृत, 

  • केन्द्रिय हिंदी निदेशालय द्वारा कहानी संग्रह किसे पुकारूँ? को अहिंदी भाषी लेखकों को पुरस्कृत करने की योजना के अंतर्गत माननीय प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के हाथों प्रधान मंत्री निवास में प्रशस्ति पत्र, शाल, मोमेंटो तथा पचास हज़ार रु. प्रदान कर 30-04-2003 को सम्मानित किया।

  •  वर्ष 2003 में साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा पुस्तक "मोड़ पर" को कहानी विधा के अंतर्गत द्वितीय पुरस्कृत। 

  • 2019 में बिहार हिन्दी- साहित्य सम्मेलन द्वारा सृजनात्मक साहित्य के लिए  साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान  से सम्मानित किया गया। 

  • 2019 में सृजनलोक प्रकाशन द्वारा गुजराती से हिन्दी में अनूदित पुस्तक स्वप्न दुस्वप्न को  सृजनलोक अनुवाद सम्मान से  सम्मनित किया गया।

अन्य उपलब्धियाँ :
आकशवाणी (अहमदाबाद-वडोदरा) को वार्ताकार। टी.वी. पर साहित्यिक पुस्तकों का परिचय कराना।
 

लेखक की कृतियाँ

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