डॉ. कौशल श्रीवास्तव
मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया)
बिहार प्रदेश का निवासी।
मेरी रचनाओं के केन्द्र में हैं ‘समकालीन वैश्वीकरण’ और इससे ‘उभरते समीकरण’। साहित्य समाज का दर्पण है : यह एक मान्य स्तम्भ है। मेरी कविताओं और लेखों में इसकी झलक है, वर्तमान की तस्वीर है। मेरे विचार में ऐसी रचनाएँ जीवन्त होती हैं और नई पीढ़ी लिए ग्राह्य। हिन्दी प्रचार-प्रसार में मेरी दिलचस्पी है, इसी ने हिन्दी में लिखने के लिए प्रेरित किया।
लेखन विधा : कविता और लघु कथा लिखने में रुचि।
प्रकाशन : हिन्दी पुष्प (मेलबोर्न) तथा गर्भनाल (भारत) में अनेकों कविताएँ / लेख प्रकाशित।
हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें :
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कविता दर्पण
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क्षितिज के पार (कहानी)
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कविता कलश
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बोलती कहानियाँ
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कविता सागर।
अंग्रेजी में प्रकाशित :
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Beyond Blue Oceans (poetry)
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Reflections : Poetry of Composite Culture
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One Face Two Minds (short stories)
अध्यापन : 1967 में भौतिक विज्ञान के व्याख्याता के रूप में पटना विश्वविद्यालय में नियुक्ति। पुनः ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन तथा अमेरिका के विश्वविद्यालयों में शोधकार्य। भागलपुर विश्वविद्यालय से प्राध्यापक एवं भौतिकी विभाग के अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत।
सम्मान : विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरिशस, द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में दो बार मेरी कविताएँ पुरस्कृत।
संप्रति : मेलबार्न, ऑस्ट्रेलिया में निवास