दीपक गिरकर
जन्म : 14 जुलाई, 1956 इंदौर (मध्यप्रदेश)
शिक्षा : एम. कॉम
सम्प्रति :
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भारतीय स्टेट बैंक से जुलाई, 2016 में सहायक महाप्रबंधक के पद से सेवा निवृत्त।
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वर्तमान में रचनात्मक लेखन : स्वतंत्र टिप्पणीकार, व्यंग्यकार, लघुकथाकार, समीक्षक।
प्रकाशन :
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चर्चित पुस्तक ‘एनपीए एक लाइलाज बीमारी नहीं’ (2019)।
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विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में व्यंग्य, लघुकथा, समीक्षा और धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक, कृषि, बैंकिंग, आर्थिक आदि विषयों पर आलेख प्रकाशित।
ब्लॉग : readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/deepakgirkar
लेखक की पुस्तकें
पुस्तक की उपलब्ध समीक्षाएँ (1)
पुस्तक की उपलब्ध समीक्षाएँ (1)
लेखक की कृतियाँ
- पुस्तक समीक्षा
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- आम आदमी की छटपटाहट को अभिव्यक्त करती कविताएँ
- आम आदमी के पक्ष में खड़ी कविताएँ
- प्रकृति की मूक भाषा को समझाती कृति “प्रदूषण मुक्त सांसें”
- बच्चों के व्यक्तित्व को तराशती बाल कहानियों का अनोखा दस्तावेज है ‘दादाजी की चौपाल’
- भारतेत्तर कवि की व्यापक अनुभूतियों का संग्रह है - इस समय तक
- मन की उथल-पुथल को अभिव्यक्त करता है कहानी संग्रह - कछु अकथ कहानी
- मानवीय संघर्ष की जिजीविषा से रूबरू कराता रोचक, दिलचस्प और प्रेरणादायी उपन्यास है 'कुबेर'
- मीरा याज्ञिक की डायरी
- युवाओं की लाचारगी का यथार्थ चित्रण
- रोचक व्यंग्य संग्रह
- विश्व गाथा पत्रिका जनवरी-मार्च 2020
- विसंगतियों पर तीखे प्रहार का दस्तावेज़
- वैचारिक विमर्श की समसामयिक कृति
- सकारात्मकता का बोध कराती लघुकथाओं का संग्रह है ’माटी कहे कुम्हार से...’
- समकालीन इतिहास से बखूबी रूबरू करवाता है व्यंग्य संकलन 'लेखक की दाढ़ी में चमचा'
- समाज के यथार्थ की अभिव्यक्ति है सरिता सुराणा की कहानियाँ
- स्त्रियों के साहस और उनके जज़्बातों की बड़ी बेबाक कहानियाँ
- स्त्री जीवन के यथार्थ की प्रभावशाली अभिव्यक्ति
- हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
- विडियो
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- ऑडियो
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