ज़िन्दगी का हिसाब दे दें क्या

15-08-2025

ज़िन्दगी का हिसाब दे दें क्या

डॉ. विकास सोलंकी (अंक: 282, अगस्त प्रथम, 2025 में प्रकाशित)


212    212    1222
 
ज़िन्दगी का हिसाब दे दें क्या
आज उनको किताब दे दें क्या
 
राह में जो बिछा दिए काँटे
हाथ उनके गुलाब दे दें क्या
 
हो रही आज बस्तियाँ सूनी
उनकी आँखों में ख़्वाब दे दें क्या
 
रोशनी माँगता नहीं है वो
बोलिए तो जनाब दे दें क्या
 
जुगनुओं के भरोसे जीते जो
अब उन्हें आफ़ताब दे दें क्या
 
मौन रहना उचित नहीं है अब
सोचता हूँ जवाब दे दें क्या

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