वक़्त को रोक लो तुम
नवल किशोर कुमारकस दो नकेल अब,
वक़्त की रफ्तार पर,
फ़तह की बारी है अब,
वक़्त को रोक लो तुम।
बहुत हो चुकी गलतियाँ अब,
मिटाकर मुश्किलों का सफ़र,
सवार हो किरण रथ पर,
वक़्त को रोक लो तुम।
है हौसला अभी शेष तुममें,
विश्व विजयी बनने का,
परास्त कर निज खल दल को,
वक़्त को रोक लो तुम।
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