तेरी अदाओं का क़ायल हूँ

01-09-2024

तेरी अदाओं का क़ायल हूँ

संजय एम. तराणेकर (अंक: 260, सितम्बर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

मैं तेरी अदाओं का क़ायल हूँ। 
जबसे देखा है तुझे घायल हूँ। 
सोचता हूँ कभी-कभी, 
मैं ही तेरे पैरों की पायल हूँ। 
चेहरा ऐसे न छुपाया कर, 
जानेमन अपने हाथों से 
किसी दिन मुझे भी देख लेना, 
अपनी नूरानी सी नज़रों से 
कहती है ये दुनियाँ मैं रॉयल हूँ। 
सुना तुझे ख़ूबसूरती पर नाज़ है, 
पर बड़ी ख़राब तेरी आवाज़ है। 
विनम्रता की चादर ओढ़ना, 
इसी भाव से सबको जोड़ना। 
मैं भले कन्हैया न बन सका, 
तू राधा बन मटकी ले दौड़ना। 
हाँ, तुझ पर मैं फ़िदा हूँ, 
क्योंकि अभी-भी, 
मैं तेरी अदाओं का क़ायल हूँ। 

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