स्मार्ट लुक

हरजीत सिंह ’तुकतुक’ (अंक: 199, फरवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

क्रोध से धरती फटी। 
काँप उठी हर चीज़। 
जब हमने अलमारी खोली। 
ग़ायब थी हमारी फ़ेवरेट क़मीज़। 
 
यहाँ देखा, वहाँ देखा। 
छान मारा घर का हर एक कोना। 
और तो और, 
सोशल मीडिया पर ट्रेंड करना लगा, 
हमारी क़मीज़ का खोना। 
 
पत्नी बोली, 
क्यों इस बात को इतना उछाल रहे हो। 
बिना मतलब आग में घी डाल रहे हो। 
 
हमने कहा, 
ये हमारे आत्म सम्मान पर आघात है। 
ये राष्ट्रीय सुरक्षा की बात है। 
हम क़सम खाते हैं कि हालात सुधारेंगे। 
घुसपैठियों को घर में घुस के मारेंगे। 
 
हमारा बी.पी. हो गया हाई। 
पत्नी ने सर पे बर्फ़ लगाई। 
 
पत्नी बोली, 
ऐसी बातें मत करो अवोभूत। 
तुम्हारी शर्ट पहन के गया है, 
तुम्हारा अपना सपूत। 
 
ग़ुस्से का करो द एंड। 
जब बाप का जूता, बेटे को आने लगे, 
तो बेटा बन जाता है फ़्रेंड। 
 
हमने कहा, 
देवी, ग़ुस्सा नहीं है। 
हो रही है चिंता। 
हमें अपने गिने चुने कपड़ों का स्टॉक, 
दिख रहा है छिनता। 
 
पत्नी बोली, 
ओ मेरी चिंता की दुकान। 
बिना मतलब के हो रहे हो हैरान। 
 
डोंट हिट द बॉल, 
वेन बॉल इज़ वाइड। 
ऑल्वेज़ लुक ऐट, 
द पॉज़िटिव साइड। 
 
तुम्हारा शर्ट उसको आ रहा है। 
तो उसका शर्ट तुमको भी आयेगा। 
आज तुम्हारे कपड़ों पे हाथ मारा है। 
कल वो तुमसे अपने कपड़े बचाएगा। 
 
हमने अपनी पत्नी का, 
आइडिया किया लाइक। 
और बेटे के कपड़ों पे, 
कर दी सर्जिकल स्ट्राइक। 
 
हमारा बेटा अब तक, 
इस शॉक से उबर नहीं पाया है। 
कि उसके बाप ने, 
उसके कपड़ों पे क़ब्ज़ा जमाया है। 
 
और यही कारण है, 
कि हम लग रहे स्मार्ट बड़े हैं। 
क्योंकि हम आज, 
बेटे के कपड़े पहन के खड़े हैं। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें