रंग
सुनील चौधरीमेरी माँ है
जो कहती है—बेटा!
उस 'जाट' ने की है शादी
जाति से बाहर
उसकी वह ग़रीब बीवी
गोरी है, सुंदर है
लगती है ऐसी
जैसे कोई मलूकानी जाटिनी हो।
मैं हूँ जो कहता हूँ—
माँ!
जाट होने के लिए
सुन्दर और गोरा होना
ज़रूरी है क्या?