रास्ता बनाया बहुत
बीना रायजब से होश सँभाला ज़िंदगी
तूने हमें रुलाया बहुत
पर सफ़र में इसी हयात ने
कभी कभार है हँसाया बहुत
कि हालात अपने कोई
भले ना समझा
पर अक़्सर जो मिला
उसने समझाया बहुत
सुन लिये हमने भी
सबका सिर्फ़ दिल रखने को
यूँ सबका दिल रखने में
अपना दिल दुखाया बहुत
इम्तेहान जितने भी
लेना है तू ले ज़िंदगी
तेरे इम्तेहानों ने हमें
आज़माया बहुत
दिल ये नाज़ुक और
मुलायम वैसे भी ना रहा
क्यों कि पत्थरों से
ये दिल है टकराया बहुत
ऐ वक़्त मेरी राह में तू
रुकावट क्या बनेगा
मैंने पानी बनकर है
ख़ुद का रास्ता बनाया बहुत