दो शब्द

15-10-2023

दो शब्द

पवन त्रिपाठी (अंक: 239, अक्टूबर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

चलो समाज से इस तू शब्द को हटायें
तुम और आप को अपनाएँ!
 
बेहद कठिन है साहित्य को समझाना
मुश्किल है, इसे समाज में बतलाना
 
अथक प्रयास हुए पर तू शब्द न हटा 
पर अज्ञान के जंजाल में वह फँसा रहा
 
पर अब केवल साहित्य ज़िम्मेदार नहीं रहा
समाज का हर कोना बदल रहा
 
अब वह दिन दूर नहीं
जब यह शब्द मिट जायेगा
 
और तुम और आप
समाज में घुल मिल जायेगा
 
फिर होगी जयकार
साहित्य के बाशिंदों की
और हारेगी साख
अज्ञानियों की
 
चलो समाज से इस तू शब्द को हटायें 
तुम और आप को अपनाएँ!

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