बस इतना जानता हूँ आप का हूँ 

15-02-2022

बस इतना जानता हूँ आप का हूँ 

समीर द्विवेदी 'नितान्त' (अंक: 199, फरवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

मुफाईलुन   मुफाईलुन  फऊलुन
1222       1222        122
 
बस इतना जानता हूँ आप का हूँ 
मैं जैसा भी हूँ अच्छा या बुरा हूँ 
 
वफ़ा की राह पर क्या चल पड़ा हूँ
अजब हैरत है तनहा रह गया हूँ 
 
कई नजरों में बेहद चुभ रहा हूँ 
खता है सीधा सीधा बोलता हूँ
 
शिकायत इनसे उनसे कर रहे क्यों
कहो मुझसे अगर सच में बुरा  हूँ 
 
मेरे वालिद महज वालिद नही हैं
इन्हें मैं देवता सा पूजता हूँ 
 
कोई नाराज़गी तुम से नहीं बस
मेरी आदत ही है कम बोलता हूँ 
 
नितान्त उसकी मोहब्बत का असर है
सरापा इश्क़ में डूबा हुआ हूँ 

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