आना जाना लगा रहेगा
डॉ. विकास सोलंकी
22 22 121 22
आना जाना लगा रहेगा
कौन यहाँ पर सदा रहेगा
बात अदब से किया करो तुम
बड़ा है जो वो बड़ा रहेगा
मौक़ा पाकर करो न साज़िश
कबतक कोई खफ़ा रहेगा
मारा मारा वहाँ फिरोगे
पाॅकेट में पर पता रहेगा
दुनियादारी नहीं रहेगी
क्योंकर अच्छा बुरा रहेगा
पत्थर खाकर निभाया रिश्ता
पत्थर पर यह लिखा रहेगा