सुगंध ना तेरे फूलों में आए,
काम ना तू किसी के आए,
क्या-क्या तू रंग दिखाए?
हर मौसम में तू डटा रहे,
रे आक।
नित नूतन तू फले फूले,
शिव ही तेरी माया जाने,
क्यों तू उनको भाए?
सारे तुझसे डरके भागे,
रे आक।
सुगंध ना तेरे फूलों में आए,
काम ना तू किसी के आए,
क्या-क्या तू रंग दिखाए?
हर मौसम में तू डटा रहे,
रे आक।
नित नूतन तू फले फूले,
शिव ही तेरी माया जाने,
क्यों तू उनको भाए?
सारे तुझसे डरके भागे,
रे आक।