दीप्ति अचला कुमार
जन्म: इलाहाबाद के एक साहित्यिक परिवार में जन्म।
शिक्षा: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर फिर तीन साल तक वहीं कार्यरत हुईं।
पारिवारिक परिवेश: पिता श्री बाबूराम सक्सेना इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग के प्रोफ़ेसर थे। अतः बचपन से ही उत्तम भाषा स्तर तथा साहित्य से उनका परिचय हुआ। अचलाजी की मौसी श्रीमती महादेवी वर्मा भी इलाहाबाद में ही थी। प्रसिद्ध भाषा शास्त्री डॉ. धीरेंद्र वर्मा इनके पिता के अनन्य मित्र थे। उनके घर डॉ.क्टर हरिवंश राय बच्चन, श्री सुमित्रानंदन पंत, रामकुमार वर्मा, निराला जी आदि प्रसिद्ध अनेक साहित्यकारों का आना-जाना था। अतः वे एक साहित्यिक वातावरण में ही बड़ी हुईं। विवाह के पश्चात 1966 में कैनेडा में आगमन हुआ। यही टीचर्स ट्रेनिंग करके पब्लिक स्कूल में दीर्घकाल तक शिक्षण किया।
लेखन विधा: हिन्दी के अनेक जाने माने साहित्यकारों के संपर्क में रहने के कारण हिन्दी की अभिरुचि को बढ़ावा मिला। महादेवी वर्मा जी की भाँजी होने के कारण उनका सान्निध्य मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गद्य और पद्य दोनों में ही रुचि है।
प्रकाशन: इन्होंने कविताएँ, संस्मरण तथा लेख लिखे जो कैनेडा की कई पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुईं। इनका एक काव्य संग्रह ‘अनेक रंग’ २०११ में कैनेडा में ही प्रकाशित हुआ, जिसमें कविताओं के साथ-साथ संस्मरण भी हैं।
अन्य: यह कई वर्षों तक हिंदी साहित्य सभा की संस्थापक तथा सक्रिय सदस्य रहीं। ‘उद्गार’ नामक हिंदी पत्रिका के संपादन मंडल में भी कार्य किया।
संप्रति: १९६६ में कनाडा आकर लम्बे समय तक यहाँ के पब्लिक स्कूलों में अध्यापन कार्य किया और कुछ वर्ष पहले ही अवकाश ग्रहण किया है।