
स्व. अखिल भंडारी
जन्म : जालंधर
निवास : १९८३ से कैनेडा में
संप्रति : आलेख, कहानी, और कविता लेखन
सदस्य : हिन्दी राइटर्स गिल्ड
संपादक : ग़ज़ल संपादन (साहित्य कुंज.नेट)
लेखक की कृतियाँ
- ग़ज़ल
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- मिलने जुलने का इक बहाना हो
- अगर उन के इशारे इस क़दर मुबहम नहीं होंगे
- इक मुसाफ़िर राह से भटका हुआ
- उसे ग़ुस्से में क्या कुछ कह दिया था
- कभी तो अपनी हद से निकल
- किनारे पर खड़ा क्या सोचता है
- किस किस को ले डूबा पानी
- गलियों गलियों हंगामा है
- गली कूचों में सन्नाटा बिछा है
- जहाँ में इक तमाशा हो गए हैं
- दरीचा था न दरवाज़ा था कोई
- न ज़मीं से है मेरी गुफ़्तगू न ही आसमाँ से कलाम है
- ये ज़िंदगी तो सराबों का सिलसिला सा है
- रोज़ पढ़ता हूँ भीड़ का चेहरा
- कहानी
- नज़्म
- कविता
- विडियो
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- ऑडियो
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