शिकार स्त्री
पूनम कुमारी
हर एक मिनट
हो रही है शिकार स्त्री
हो रहा है तार-तार
उसका जिस्म
ख़त्म हो रही है मानवता
ख़त्म हो रही है स्त्री
कर रहा है कौन
यह नंगा नाच
दरिंदा
या, कोई जानवर
या, वह
जिसने ओढ़ी है चादर
राजनीति की
या, वह
जो रच रहा है
मानव न होने पर भी
मानव होने का ढोंग