शब्द भी क्या चीज़ है!  

15-01-2022

शब्द भी क्या चीज़ है!  

समीर उपाध्याय (अंक: 197, जनवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

शब्द भी क्या चीज़ है!  
महके तो प्यार
बहके तो नफ़रत!  
महके तो ख़ुशी
बहके तो ग़म!  
महके तो ख़ुशबू 
बहके तो बदबू!  
महके तो मरहम
बहके तो घाव!  
महके तो पिक
बहके तो काक!  
महके तो अमृत
बहके तो विष!  
महके तो राग
बहके तो विराग!  
महके तो बाँसुरी 
बहके तो रणभेरी!  
महके तो सर्जन
बहके तो विसर्जन!  
महके तो मंद 'समीर'
बहके तो बवंडर!  

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