मन करता है 

15-12-2021

मन करता है 

कृष्ण कांत शुक्ला (अंक: 195, दिसंबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मन करता है बच्चा बनने का 
छत के छज्जों पर चलने का 
 
जब सूरज हो सिरहाने पर 
खेलूँ जा कर घर के आँगन में
पेड़ों पर झूला डालूँ 
चढ़ूँ पेड़ों की डाली पर
न डर हो गिरने का उससे 
न भय हो वन माली का
 
मन करता है कच्चा बनने का 
नंगे पाँव पैदल चलने का 
 
धूल में सन कर घर आऊँ जब 
माँ ले कर थाली बैठी हो 
खेलूँ खाऊँ उधम मचाऊँ
माँ के मन को ख़ूब रिझाऊँ 
माँ बेटे का वात्सल्य देखती 
खूँटे से बँधी बछिया लाली बैठी हो 
 
मन करता है झूठ बोल कर सच्चा बनने का 
बाबूजी की उँगली थाम कर चलने का 
 
गिरने, उठने और फिसलने का
मिट्टी को फिर से चखने का 
माँ की लोरी सुन सोने का 
बड़े तात की शिकायत करके 
नाटक में ही रोने का 
 
मन करता है अच्छा बनने का 
मन करता है बच्चा बनने का

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