मातृत्व
आकांक्षा यादवउसके आने के अहसास से
सिहर उठती हूँ
अपने अंश का
एक नए रूप में प्रादुर्भाव
पता नहीं क्या-क्या सोच
पुलकित हो उठती हूँ
उसकी हर हलचल
भर देती है उमंग मुझमें
बुनने लगी हूँ अभी से
उसकी ज़िन्दगी का ताना-बाना
शायद मातृत्व का अहसास है।