ईंट बनाकर

01-11-2022

ईंट बनाकर

ख़ुदेजा ख़ान (अंक: 216, नवम्बर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मैं तो मिट्टी थी उपजाऊ 
हरी घास प्रमाण है इसका 
जो भी बीज बोए 
मैंने उगाए वे 
 
फिर भी मुझे 
असंख्य के टुकड़ों में बाँट कर 
ले गए भट्टी में पकाने के लिए 
 
मुझे ईंट बनाकर 
बंजर बना दिया 
 
ये आवास अब समाधियाँ हैं मेरी। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें