गाज
बसन्त राघव
एक गाज गिरी
और उसकी चपेट में
आ गया एक ग़रीब
देहाती।
एक गाज और गिरी
जब पेट्रोल, गैस के दाम बढ़े
और उसकी चपेट में
आ गया एक आम आदमी।
एक गाज फिर गिरी
जब पढ़े लिखे बेरोज़गारों को
पकौड़े बेचने के लिए
कहा गया!
उसकी चपेट में
आई, युवाओं की बरसों की मेहनत।
यह पहली बार नहीं हुआ
फिर भी इस बार जो गाज गिरी
ईडी, सीबीआई, आईटी के ज़रिए विरोधी . . .
नेताओं पर
सुनकर दिल को
बड़ा सुकून मिला
एक नई परम्परा शुरू हुई
इसकी चपेट में आए, सभी विपक्षी दल।