तुम क्या आना जाना भूले
हस्तीमल 'ह्स्ती'तुम क्या आना जाना भूले
हम तो हँसना- हँसाना भूले
एक तार क्या तोडा़ तुमने
सारा ताना-बाना भूले
तुमने ही ये बाग़ लगाया
तुम ही फूल खिलाना भूले
हमसे भूल हुई क्या बोलो
क्या तुमको लौटाना भूले
एक तुम्हें ही भूल ना पाये
वरना हम क्या-क्या ना भूले
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