प्रेम से मिट जाती है भूख आत्मा की दूर हो जाता है अंधकार दिल का। पर मनाये मानता नहीं तन, उसे चाहिए मदहोश करती जवान गर्म साँसों की तपन, जलते होंठ, और भी बहुत कुछ।