रिश्तों के बाज़ार में भावनाओं को लेकर बैठा हूँ। इस आशा से कि कोई आए कुछ पल ठहरे और ख़रीदने के बहाने इन्हें कुरेदे संवेदना को महसूस करे आगे बढ़ जाए।