आशुतोष शर्मा

आशुतोष शर्मा

आशुतोष शर्मा

रोहतक (हरियाणा) भारत
     
देन है भगवान की जो, जन्म ऐसे घर मिला
आँखें खुली हैं तब से, माहौल कला का मिला। 
क़लम, दवात, स्याही से, मैं ख़ूब खेलता हूँ
रंग-बिरंगें रंगों को, मैं ख़ूब उढ़ेलता हूँ
स्वरों की लहरो पर, मैं ताल बजाता हूँ
रंगमंच संग कला का मुझको भण्डार मिला।