ज़रूरी है आदमी में थोड़ा जानवर और पक्षी बचे रहना

15-09-2023

ज़रूरी है आदमी में थोड़ा जानवर और पक्षी बचे रहना

डॉ. नेत्रपाल मलिक (अंक: 237, सितम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

कव्वे के उड़ जाने पर भी
गाँव की गलियों में तैरता रहता था वह सवाल
जो घोंसला छोड़ने से पहले
पूछा था उसने अपनी माँ से
ʼकोई कंकड़ पहले से ही लिये बैठा हो तो क्या करना है?’
उत्तर में उसकी माँ की आँखों में
दीक्षांत का उल्लास था
उसने दे दी थी अनुमति कव्वे को
आदमियों के आसमान में उड़ान भरने की
 
गाँव में बिल्लियाँ कोई नहीं पालता था
बिल्लियों का समाज बढ़ता था
आदमियों की नींद के आँगन में
 
मैं एक रात सोया था विश्वास ओढ़ कर
सुबह 
करवटों पर बेकली ने लिखा था
ज़रूरी है आदमी में थोड़ा जानवर और पक्षी बचे रहना 
जागते रहने के लिए। 

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