उन्हें समझ आ गया था
डॉ. खेमकरण ‘सोमन’घूमते रहे पीले चेहरे वाले कुछ लोग
देखते रहे सरसों के फूल
फूलों को डोलते-लहराते हुए
उन पर मधुमक्खियाँ मँडराते हुए
जब लौट रहे थे—
फिर पहले जैसे न थे वे
उनमें आ गया था अब कुछ बदलाव
चेहरे पर था दुःख के पीलेपन की अपेक्षा
सरसों के फूलों का पीलापन
उन्हें समझ आ गया था—
पीलेपन का ऐसा अर्थ
अस्तित्व–
महक।