तू मेरी कल्पना
अक्षय भंडारीतू मेरी कल्पना और
में तेरी पहचान बन जाऊँ
तू रूप की रानी बने तो
में तेरा निखार बन जाऊँ
तू मुझे समझ ले तो
मैं और को भी समझाऊँ
जो तू जिधर चलेगी
तो उधर तेरे साथ चल जाऊँ
अगर हो साथ तेरा तो
में तेरा ख़्वाब बन जाऊँ
अगर तू कल्पना बन जाए
तो मैं साकार बन जाऊँ।