जब से सोशल मीडिया का दौर आया हो जाते बस इसमें गुम
अक्षय भंडारीसोशल मीडिया की गलियारों में
उठ चला जब से शेयर का दौर
शब्दों में एक सन्देश कर दी हमने पोस्ट
बन रहे दोस्त कर रहे रिकवेस्ट
हम भी देते उन्हें रिस्पेक्ट
प्रोफ़ाइल पर फोटो लगाकर देखे बारंबार
दूसरों की अपडेट पोस्ट से रोज़ होती शुरूआत
पर सोशल मीडिया में एक तरफ़ उड़ान तो
दूसरी ओर है ऐसी दोस्ती
भी कर दे हैरान ओर परेशान
क़िस्मत है कि इस भुलभुलैया में न में फँस जाऊँ
हैक होने का डर सताए, मैं सिक्योरिटी लगाऊँ
राहों में अपनेपन में चोला ओढ़े ठग भी है तैयार
सोशल मीडिया की इन गलियों न मिल सकता
श्री कृष्ण और सुदामा जैसा बाल-सखा व्यवहार
स्टेटस का दौर चला मैं भी वहाँ करता अपडेट
कोई रिस्पांस न मिले तो हो जाता अपसेट
प्रोफ़ाइल की डीपी ज़ूम करके करता हूँ मैं याद
जब से सोशल मीडिया का दौर आया
हो जाते बस इसमें गुम!
(नोट: सोशल मीडिया की गलियों में अर्थात् फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि)